Woh Shyaam Mujhe Yaad Nahi | Manhar Seth | Love Poetry (2022)

Poetry Detail

Woh Shyaam Mujhe Yaad Nahi | Manhar Seth | Love Poetry (2022)-ये कविता को Manhar Seth के द्वारा लिखा गया है और प्रस्तुत भी किया गया है ।

वो शाम तो मुझे याद नही,पर
पर मुझे याद है मेरे हाथो में तेरा हाथ अब भी
मुझे याद है वो हर लम्हे में महसूस होता तेरा साथ अब भी
मेर ओंठो को तेरे गालो की नर्मी का एहसास आज भी है
मेरी साँसो को लगता है कि तू मेरे पास आज भी है
वो मेरा हाथ पकड़ते ही तेरा युं बेफिक्र हो जाना
वो मुझसे निगाहें मिलाते ही तेरा युं बेजिक्र हो जाना
वो मेरे लिये उठी थी उस दिन वो तेरी हर इक नजर याद है मुझे
वो मेरी उंगलियो ने जो किया था
तेरी मुलायम जुल्फो का वो सफर याद है मुझे
वो हर इक लम्हा,वो हर मंजर,वो हर गुस्ताखी
वो हर जुर्रत,वो हर आरजू,वो हर गुफ्तगू
वो हर इश्क का पल जो तेरे साथ जिया था याद है मुझे
तो फिर क्या फर्क पड़ता है,अगर वो शाम मुझे याद नही
सिवाय इश्क के किया कोई काम मुझे याद नही
तेरे सिवाय कोई खास-ओ-आम मुझे याद नही
तो फिर क्या फर्क पड़ता है,अगर वो शाम मुझे याद नही

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