Waqt Badal Gaya To Tum Bhi Badal Gayi By Lekhakrang

Poetry Details:-

Waqt Badal Gaya To Tum Bhi Badal Gayi By Lekhakrang-इस पोस्ट में कुछ शायरियाँ और ग़जले प्रस्तुत की गयी है ,जो कि Karan Gautam द्वारा लिखा और प्रस्तुत किया गया है।

एक चोट दिल पर गहरी लगा गये
मानो मौत की सजा सुना गये
ये सच है कि ये अब जख्म कभी भरेगा नही
दिल चाह कर भी किसी से प्यार करेगा नही
हाँ..तेरे जाने से ये दुनिया बेगानी लगती है
मेरी दास्तां सुनने वालो को फकत ये कहानी लगती है
जख्म अब भी गहरा है ताजा है..और रहेगा हमेशा
देखने वालो को तो मेरी चोट भी पुरानी लगती है

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ऐसा कोई दिन,कोई वक्त,कोई पल नही जाता
जिसमे मुझे तेरा ख्याल नही आता
नींद से जैसे कोई दुश्मनी सी हो गयी है
सीने मे सांसो की कमी सी हो गयी है
अब कोई और छुयेगा तुझे ये सोच कर पल पल मरता रहता हुँ
नज्में लिखता हुँ और उसे रात भर पढता रहता हुँ
अगर कभी मेरी यादो से तेरी आजादी हो जाये
अगर किसी और के साथ तेरी शादी हो जाये
तो हो सके तो मेरे इश्क का मुझे दाम देना
अपने बेटे को मेरा ही नाम देना


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एक बाजार लगा मोहब्बत का सौदे बाजी जोरो से हुई
किसी को मिला खरीदार अच्छा,अपनी यारी चोरो से हुई
हमको हमीं से चुराया उसने,अपना करीबी खास बताया उसने
लकीरें इन हाथो से फिसल गयी,वक्त बदला तो वो भी बदल गयी
जिस दिन अलग हुये तो मर जाऊंगी कहा करती थी
मोहब्बत ही नही हमारा गुस्सा भी सहा करती थी
परछाई बन कर साथ रहती थी वो,दूर जाने पर आँखो से बहती थी वो
“कोई माने या ना माने शादी तो आप ही से होगी यार” कितना झूठ कहती थी वो
उसकी दी हुई कुछ निशानी देखता हुँ,तू कर मै तेरी नादानी देखता हुँ
ऐसा हकीम मिले तो बताना हमें जो कहे ” मियां आओ मै हर परेशानी देखता हुँ”
ग़र कभी किस्मत से किसी रास्ते पर टकरायेंगे,ना देखेगे तुमको,ना अपना चेहरा दिखायेंगे
किसी अंजान मुसाफिर की तरह,तुम भी गुजर जाना हम भी गुजर जायेंगे

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इस तरह खामोश ना रहा करो मोहतरमा
हँस कर सब कुछ ना सहा करो मोहतरमा
आपके इशारे पर तो ये जान कुर्बान
बस अपनी जान से इक बार कहा करो मोहतरमा
वो कहती है किसी भी नाम से पुकार लो चाहे
इस तरह से युं ना कहा करो “मोहतरमा”
ये वफा की बातें तो हमारे समझ नही आती
जिन्हे समझ आये ये बातें वहाँ करो मोहरमा
उंगलियाँ उठाने में ये दुनिया वक्त नही लगायेगी
सोच करना जो भी जहाँ करो मोहतरमा
चलो बहुत कर ली बातें प्यार मोहब्बत की हमने
कोई तारिख तय कर अब निकाह करो मोहतरमा

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ये किस की याद आई हमें आधी रात में..?
जुबां पर किस की बात आई आधी रात में..?
पैरो तले जमीं खिसक गयी वो मंज़र देख कर
जब वो रकीब के साथ आयी आधी रात में
आज रोको मत जो होना है होने दो
बड़े दिनो में हाथ आयी आधी रात में
उसके गुलाबी होंठ,वो सर्द रात
उसके बाद बरसात आयी आधी रात में
बाहो में होते हुआ पूछा उसने कि कितना कमातो हो
यानि बीच मे औकात आयी आधी रात में
अगले महीने इक रात फोन आया उसका
और कहा चिंता की कोई बात नही
तब जा कर सांस में सांस आयी आधी रात में

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