USKE HISAB SE BUS DOSTI THI-उसके हिसाब से दोस्ती थी-KANHA KAMBOJ POETRY

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USKE HISAB SE BUS DOSTI THI-उसके हिसाब से दोस्ती थी-इस पोस्ट मे कुछ कविताये प्रस्तुत की गयी है जो कि KANHA KAMBOJ के द्वारा लिखी और प्रस्तुत की गयी है।

बागवान की गुलाब से दोस्ती थी
मतलब किसी नयाब से दोस्ती थी
सबके हिसाब से हम मे प्यार था
बस उसके हिसाब से दोस्ती थी
मै दुनियादारी की बातें करता
उसकी बस किताब से दोस्ती थी

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माना कि हम अदब से बात नही करते
पर ये मानो मतलब से बात नही करते
ये नरम लेहजा,प्यारी बाते तेरे लिये है
हम इस लेहजे मे सबसे बात नही करते
किसी ने एक सवाल पूछ कर रुला दिया
तुम दोनो यार कब से बात नही करते
खामोशी ने जब हम दोनो पे काबू पा लिया
प्यार तो करते रहे पर तब से बात नही करते
तू भी तंग आ गया है और मै भी खुश नही
चल यार ऐसा करते है अब से बात नही करते

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जब से तेरी सोहबत मे रह रहा है “बुरा लग रहा है”
अब थक कर तुझसे ये कह रहा है “बुरा लग रहा है”
जिनके इशारो से मौसम के रुख बदलते थे
उन्ही आँखो से दरिया बह रहा है “बुरा लग रहा है”
यकीन मान वो तेरी सब बातो पर
अच्छा बेशक कह रहा है “बुरा लग रहा है”
बिछड़ने के अलावा कोई रास्ता बाकि नही
बात समझ तू लड़ बे वजह रहा है “बुरा लग रहा है”
मेरी जान अब तुझसे नफरत ही करुंगा मै
बात ये ‘कान्हा’ कह रहा है “बुरा लग रहा है”

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हम तेरे साथ जरुर खुलेगे सब्र कर
एक रोज तुझे अकेले मिलेंगे सब्र कर
इज़हारे इश्क में वक्त लगता है
फिलहाल तो बस इतना कहेंगे सब्र कर

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