Poetry Details:-
“Meri Diary” -“मेरी डायरी”–इस सुंदर कविता को लिखा एवं प्रस्तुत Pallavi Mahajan ने किया है,इस कविता मे डायरी, जो इक दोस्त के रुप मे की यादे और अनुभव अपने मे दर्ज करते है,की अहमियत के बारे मे बताया गया है
किस्से दोस्तो के कुछ अपनी जबान से
कुछ बातें लिखी बड़े इत्मिनान से
कुछ दास्ताने है जो अधूरी है
कुछ सुनानी दुनिया को बेहद जरूरी है
कुछ है जो बस मेरे लिये है
पहले इश्क की मेरे कुछ खुशबुये है
एक दोस्त जो आज भी याद आता है
मै कितनी हुँ जरूरी इक पन्ना बताता है
एक बात जो सबसे छिपाई है
कुछ पन्नो में मैने इक शाम दबाई है
मेरी पहली बोतल मेरा आखिरी प्यार
जज्बातो की दुनिया के किस्से हजार
ये हकीकत की दुनिया को भी जानती है
सपनो की ताकत को सच मानती है
तो सपनो को अपने भी रखा है इसमे
आधी हुँ मै आधा हिस्सा है जिसमे
रूठ जाते है सब ये नही रूठती है
बाते करती नही हुं तो ये पूछती है
मै कैसी सी हुं ये नही बोलती है
अच्छे बुरे में नही तोलती है
मेरा अक्स है मेरा ही रूप है
ठड़े मौसम मे मेरे लिये धूप है
सबब है यही जो मै ऐसी रही हुं
इसी ने बताया कि थोड़ी सही हुं
जिंदगी से मेरे ये गिले जानती है
मै क्या हुं ये अच्छे से पहचानती है
इसी ने हुनर मुझको मेरा दिया है
गम का वजन था जो हल्का किया है
कभी दिल ये मेरा जब भर जाता है
आँखो से जब ना छलक पाता है
दाफ्तन इसकी बांहे तब खुल जाती है
मेरी बाते सभी उसमें घुल जाती है
अश्क स्याही से मेरी निकल आते है
दोस्त बनते है पन्ने समझ जाते है
वो सुनते है ,सवाल नही करते
कुछ बोलु अगर बबाल नही करते
वो मुझे अपना करार देते है
हर रिशते का थोड़ा सा प्यार देते है
रोती हुं तो हँसना सिखा देते है
अच्छे है मुझे मुझसे मिला देते है
तुमको भी करनी है बाते मगर
सुनने को कोई नही है अगर
तो पन्नो से जाओ करो दिल्लगी
आसां हो जायेगी जो है ये जिंदगी
सर्द मौसम है इक प्याली लो चाय की
जाओ तुम भी बना लो इक डायरी