Guftugu-गुफ्तगू-Pallavi Mahajan

Poetry Details:-

Guftugu-गुफ्तगू-ये सुंदर कविता Pallavi Mahajan द्वार लिखी एवं प्रस्तुत की गयी है,palpoetry यु टयुब चैनल पर ये उपलब्ध है।

दौड़ाती ये जिंदगी और दौड़ते हम तुम यहाँ
जो गम नही बाँटा कभी नासूर वो बन जाये ना
रख तस्सली, रुक जरा कुछ बातें तू कर ले
आ इधर जरा बैठ कर,थोड़ी गुफ्तगू कर ले
देखा था तुझको एक दिन,चेहरे पे रौनक खूब थी
आज पर कुछ बात है,क्युं दिख रहा तू खुश नही
जो भी गुबार तेरे दिल मे है उसे दिल से दूर कर ले
आ इधर जरा बैठ कर,थोड़ी गुफ्तगू कर ले
तुझे जिंदगी से प्यार था,अब है नही..क्या हो गया?
खुद से गिला तू क्युं करे,कोई अगर ना मिल सका
गल्ती नही तेरी सो खुद को माफ तू कर दे
आ इधर जरा बैठ कर,थोड़ी गुफ्तगू कर ले
कोई कहेगा ये यहाँ के भूल जा जो भी हुआ
कोई सुनायेगा तुझे के वक्त लेगा फैसला
सुन सभी की और फिर जो दिल कहे वो कर ले
आ इधर जरा बैठ कर,थोड़ी गुफ्तगू कर ले
हर कोई समझेगा तुझे मुमकिन नही ये जान ले
भीड़ में कुछ है मगर तू गौर कर पहचान ले
सबसे नही कुछ से भले,कुछ से नही,इक से मगर
हर बात तू कर ले,जा उधर जरा बैठ कर थोड़ी गुफ्तगू कर ले
रख तस्सली, रुक जरा कुछ बातें तू कर ले
आ इधर जरा बैठ कर,थोड़ी गुफ्तगू कर ले

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *