Betiyaan | Daughter’s Day Special | Pallavi Mahajan-इस कविता को Pallavi Mahajan द्वार लिखी एवं प्रस्तुत की गयी है,ये कविता PAL POETRY यु टयुब चैनल पर ये उपलब्ध है,ये कविता बेटियो के बारे मे लिखी गयी है।
लबो से है हँसती ,मगर आँख नम है
वो ये सोचती है , के गम उनका कम है
कभी आपका दिल दुखाती नही है
वो सहती है क्या ?ये सुनाती नही है
उनके सपनो मे घोड़ो पे राजा नही है
उनके सपनो का सच तुमने माना नही है
देखो बनने लगी है , पहेली यहाँ
जिनको कहते हो तुम सब,यहाँ बेटियाँ
थाम कर तुमको माना, वो काफी चली है
हाथ छुटा गिरा फिर संभल भी गयी है
अब जा के खुद को समझने लगी है
मोहब्बत वो खुद से भी करने लगी है
पर ना कटो बोहोत मुश्किलो से मिले है
हौसले अब उनके डर से काफी बड़े है
देखो लेने लगी फैसले भी यहाँ
जिनको कहते हो तुम सब,यहाँ बेटियाँ
जिनके होने से दुनिया है लगती हँसी
जो रो दे तो रोये,खुदा भी कहीं
उनकी आँखो मे तुमने पढा के नही
उनको उम्मीद तुमसे हमेशा रही
एक उम्मीद की तुम भरोसा करो
एक उम्मीद का तुम सदा साथ दो
नही और कुछ वो ना माँगे यहाँ
जिनको कहते हो तुम सब,यहाँ बेटियाँ
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