जींद ले गया वह दिल का जानी
यह बूत बेजान रह गया
जींद ले गया ज़िंद ले गया
वह दिल का जानी ज़िंद ले गया
वह दिल का जानी
यह बूत बेजान रह गया
यह बूत बेजान रह गया
जींद ले गया
मेहमान चला गया घर से
यह खाली मकान रह गया
जींद ले गया वह दिल का जानी
यह बूत बेजान रह गया
जींद ले गया
खाबों सी तकदीरें
खाबों सी तकदीरें
कब बनती हैं
पानी पे तस्बीरे
पानी पे तस्बीरे
कब बनती हैं
न रंग रहा कोई बाकी न कोई
निशाँ रह गया ज़िंद ले गया
जींद ले गया वह दिल का जानी
यह बूत बेजान रह गया
जींद ले गया
उस आधी का उस तूफ़ान का
जोर किसी को याद नहीं हैं
आयी थी इक रोज़ क़यामत और
किसी को याद नहीं हैं
बस एक मेरा दिल टुटा यह
सारा जहाँ रह गया ज़िंद ले गया
जींद ले गया वह दिल का जानी
यह बूत बेजान रह गया ज़िंद ले गया
अपने जख्मों अपने सदामो से
मैं कितनी शर्मिन्दा हूँ
क्या कारण हैं क्या हैं सबब जो
आज भी अब्ब भी मैं ज़िंदा हूँ
लगता हैं कि मेरा बाकी कोई
इम्तेहान रह गया ज़िंद ले गया
जींद ले गया वह दिल का जानी
यह बूत बेजान रह गया
जींद ले गया
मेहमान चला गया घर से
यह खाली मकान रह गया
जींद ले गया वह दिल का जानी
यह बूत बेजान रह गया
जींद ले गया
जींद ले गया ज़िंद ले गया