Uska Ab Mujhse MAN BHAR Gya Hai-उसका अब मुझसे मन भर गया है -Kanha Kamboj

Poetry Details:-

Uska Ab Mujhse MAN BHAR Gya Hai-उसका अब मुझसे मन भर गया है –इस पोस्ट मे कुछ गज़ले और शायरियाँ पेश की गयी है ,जिन्हे kanha kamboj ने लिखा और प्रस्तुत किया है,ये गजल The Realistic Dice यु ट्युब चैनल पर प्रदर्शित किया गया है।

ये कैसा खूब आप मे फन भर गया है
शायद पुराना कोई जखम भर गया है
आपके आँसू क्यो नही रुक रहे?
क्या आँखो मे आपकी गगन भर गया है
मन भरकर चूमता था वो हमे कभी
अब उसका मुझसे भी मन भर गया है
इस तरह ढाये है उसने सितम मुझ पर
जखम से दिल ही नही पूरा बदन भर गया है


अपनी हकीकत मे ये एक कहानी करनी पड़ी
उसके जैसे मुझे अपनी जुबानी करनी पड़ी
कर तो सकता था बातें इधर उधर की बहुत
मगर कुछ लोगो मे बाते मुझे खानदानी करनी पड़ी
अपनी आँखो से देखा था मंजर बेवफाई का
गैर से सुना तो फिजूल हैरानी करनी पड़ी
पहले उससे मोहब्बत रुह तलक की हमने
फिर हरकते मुझे अपनी जिस्मानी करनी पड़ी
एक छाप रह गयी थी उसकी मेरे जिस्म पर
अकेले मे मिली तो वापिस निशानी करनी पड़ी
हाथ मे ताश की गड्डी ले ‘कान्हा को जोकर समझती रही
फिर पत्ते बदल हमे बेईमानी करनी पड़ी
गैर से हँसकर बातकर खूब जलाया हमको
हमे भी फिर किसी का हाथ थाम शैतानी करनी पड़ी


पलको ने बहुत समझाया मगर ये आँख नही मानी
दिन तो हँसकर गुजारा हमने मगर ये रात नही मानी
बिस्तर की सलवट दे रही थी गवाही गैर की
हमने करवट बदल ली मगर ये बात नही मानी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *