Mumkin Hai-मुमकिन है-ये सुंदर कविता Pallavi Mahajan द्वार लिखी एवं प्रस्तुत की गयी है,palpoetry यु टयुब चैनल पर ये उपलब्ध है,इस कविता मे कुछ पाने के सफर मे जब हताशा मन मे आती है ,उससे कैसे सामना करना है ,उसके बारे मे बताया गया है।
मुमकिन है इन राहो पर तुम चलते -२ थक जाओ
मुमकिन है,इक मोड हो ऐसा जिसके बाद ना बढ पाओ
मुमकिन है, तुम बैठो ओर ये आँखे भारी हो जाये
मुमकिन है,तुम से आगे ये दुनिया सारी हो जाये
लेकर झपकी,दो पल रुक कर,आराम सफर मे कर लेना
है तु्म से सफर,ना कि सफर से तुम ये सोच के आगे बढ लेना
Copyright@Lyricsdeal.com