Mere Samne USKI SHADI Ho Gai-KANHA KAMBOJ

Poerty Details:-

Mere Samne USKI SHADI Ho Gai-मेरे सामने उसकी शादी हो गयीये कविता KANHA KAMBOJ के द्वारा लिखी और प्रस्तुत की गयी है,The Realistic Dice यु ट्युब चैनल पर प्रदर्शित की गयी है। 

सुना है तुम्हारे चाहने वाले बहुत हैं।
ये इश्क़ की मिठाई सब में बांट दी तुमने।।
वह सचमुच बड़ी पक्की डोर है तेरी बेवफाई की।
सुना है रकीब की पतंग काट दी तून।।


कुछ तो जला होगा
यू बेवजह धुआ तो न हुआ होगा
जिसे डरते हैं ख्वाब में देखने से भी
वो हादसा हकीकत में जैसे हुआ होगा
और मेरे हाथ कांपते हैं उसकी तस्वीर को छूते हुए
ए दोस्त वो गैर के साथ हम बिस्तर कैसे हुआ होगा
और होकर हम बिस्तर गैर से इठला कर जो तू आ रहीं हैं
दूर चली जा मुझसे तुझसे रकीब की बू आ रही है


इतना क्यों सजाया है खुद को कुछ अलग बात है क्या
इतने करीब क्यू आ रही हो हिज्र की रात है क्या
घर में बहुत चहल पहल है खुशियों की सौगात है क्या
यह क्या देख रही हो खिड़की में से तुम्हारी बारात है क्या
बिस्तर से खुशबू जानी पहचानी सी आ रही है
मेरे गुलदस्ते के गुलाब है क्या

 

बहुत पेचीदा हो तुम कान्हा
वो खुली किताब है क्या
तुमने कुछ अलग बात नहीं
वो नायाब हैं क्या
कहती है सो रंग है तुम्हारे
वो बेनकाब है क्या

और फाड़ आयी हो मेरी मोहब्बत की वसीयत को
अब वो मुझसे भी क़ीमती कागज़ात है क्या


कहती हैं कि तुमसे ज्यादा प्यार करता है
उसकी इतनी औक़ात है क्या
और रकीब का सहारा लेकर कान्हा को
भुला दूंगी तेरा दिमाग खराब है क्या


यह कैसा सितम था उनका
कुछ पलों की मोहब्बत के लिए
मुझे सालों आजमाया गया
उन्होंने पहले मेरी फांसी मुकर्रर कर दी
अदालत मुझे बाद मे ले जाया गया

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *