HAMARE VAASTE VO NAHI BADALNE VALA || KANHA KAMBOJ ||

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HAMARE VAASTE VO NAHI BADALNE VALA || KANHA KAMBOJ ||-हमारे वास्ते वो नही बदलने वाले-इस पोस्ट मे कुछ कविताये प्रस्तुत की गयी है जो कि KANHA KAMBOJ के द्वारा लिखी और प्रस्तुत की गयी है।

मेरी जिंदगी बेरंग करने वाले जरा सुन ले
मै तेरी तस्वीर में भी रंग नही भरने वाला
हमारे रस्ते में छांव नही मिलने वाली
हमारे वास्ते वो जिस्म नही खुलने वाला
समय की बात है सारी के कुछ ही सालो में
पांव मे गिर गया है हाथ नही आने वाला
उसके जन्मदिन पर हम भी नही जाने वाले
हमारी मौत पर वो भी नही आने वाला
मै तेरे इश्क मे बर्बाद होने वाला हुँ
मगर ये तय है कि तू भी नही बचने वाला
इतनी तादाद में दिल दुखाये कि तुझसे
इम्तिहान मे डायग्राम दिल का नही बनने वाला
अब मुझे भी सीखना है हुनर अय्याशी का
सिर्फ शायरी से तेरा हिज्र नही कटने वाला

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माना कि हम अदब से बात नही करते
पर ये मानो मतलब से बात नही करते
ये नरम लेहजा,प्यारी बाते तेरे लिये है
हम इस लेहजे मे सबसे बात नही करते
किसी ने एक सवाल पूछ कर रुला दिया
तुम दोनो यार कब से बात नही करते
खामोशी ने जब हम दोनो पे काबू पा लिया
प्यार तो करते रहे पर तब से बात नही करते
तू भी तंग आ गया है और मै भी खुश नही
चल यार ऐसा करते है अब से बात नही करते

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मै जिस शख्स से रुबरु होना नही चाहता
उसी शख्स के काँल का इंतजार भी है
इसी डर में रात भर सोया नही मै
एक वो नशे मे है,और घर से बाहर भी है

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घर की दीवार पर नाखून से लिखेंगे
तेरी बेबफाई हम सुकून से लिखेंगे
खत स्याही से लिखे तो फाड़ देती हो
इस बार खत तुम्हे खून से लिखेंगे

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