चाहे सोने के फ्रेम मे जड़ दो,आइना झू्ठ बोलता ही नही-KRISHNA BIHARI NOOR

Poetry Details:-

चाहे सोने के फ्रेम मे जड़ दो,आइना झू्ठ बोलता ही नही-इस पोस्ट में KRISHNA BIHARI NOOR की लिखी गयी कुछ गज़ले और शायरियाँ पेश की गयी है,जोकि KRISHNA BIHARI NOOR के द्वारा प्रस्तुत की गयी है।

अपने दिल की किसी हसरत का पता देते है
मेरे बारे मे जो अफवाह उड़ा देते है

–**–
जिंदगी से बड़ी सजा ही नही
और क्या जुर्म है पता ही नही
इतने हिस्सो में बँट गया हुँ मै
मेरे हिस्से में कुछ बचा ही नही
जिंदगी मौत तेरी मंजिल है
दूसरा कोई रास्ता ही नही
जिसके कारण फसाद होते है
उसका कोई अता पता ही नही
जिंदगी अब बता कहाँ जाये?
जहर बाजार मे मिला ही नही
सच घटे या बढे, तो सच ना रहे
झूठ की कोई इंतहा ही नही
धन के हाथो बिके है सब कानून
अब किसी जुर्म की सजा ही नही
चाहे सोने के फ्रेम मे जड़ दो
आइना झू्ठ बोलता ही नही
अपनी रचनाओ मे वो जिंदा है
‘नूर’ संसार से गया ही नही
–**–
लब क्या बताये कितनी अजीम उसकी जात है
सागर को सीपियो से उलझने की बात है
सूरज का,चाँद का तो गुज़र ही नही वहाँ
वो है जहाँ वहाँ पे ना दिन है, ना रात है

–** —
देना है तो निगाह को ऐसी रसाई दे
मै देखू आईना तो मुझे तू दिखाई दे
काश ऐसा ताल मेल सुकूतो सदा मे हो
उसको पुकारु मै तो उसी को सुनाई दे
ऐ काश! उस मकाम पे पहुचा दे उसका प्यार
वो कामयाब होने पे मुझको बधाई दे
मुजरिम है सोच सोच गुनहगार साँस साँस
कोई सफाई दे तो कहाँ तक सफाई दे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *