Yeh Gham Kya Dil Ki Adat Hai-ये गम क्या दिल की आदत है –इस पोस्ट में JOHN ELIA जी के द्वारा लिखी गयी ,गज़ल पेश की गयी है ,जो कि JOHN ELIA जी के द्वारा प्रस्तुत की गयी है।
ये ग़म क्या दिल की आदत है? नही तो
किसी से कुछ शिकायत है? नही तो
है वो एक ख्वाब-ए-बे-ताबीर
उसे भूला देने की नीयत है? नही तो
किसी के बिन, किसी की याद के बिन
जिये जाने की हिम्मत है? नही तो
किसी सूरत भी दिल लगता नही? हां
तो कुछ दिन से ये हालात है? नही तो
तेरे इस हाल पर है सब को हैरत
तुझे भी इस पे हैरत है? नही तो
वो दरवेशी जो तज कर आ गया…..तू
यह दौलत उस की क़ीमत है? नहीं तो
हम-आहंगी नही दुनिया से तेरी
तुझे इस पर नदामत है? नही तो
हुआ जो कुछ यही मक़सूम था क्या?
यही सारी हिकायत है? नही तो
अज़ीयत-नाक उम्मीदों से तुझको
अमां पाने की हसरत है? नही तो
ये ग़म क्या दिल की आदत है? नही तो
किसी से कुछ शिकायत है? नही तो
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