VARUN ANAND@DUBAI MUSHAIRA | DUBAI 2023

Poetry Details

इस पोस्ट में ‘वरूण आनंद जी’ द्वारा लिखी गई कुछ शायरियां और गज़ले प्रस्तुत की गयी है

भूलों पर फिर भूलें करना भूल नहीं होशियारी है
रोज किसी पर दिल आ जाना इश्क नहीं बीमारी है
इस दुनिया ने मेरा सब कुछ तुमसे जोड़ के देखा है
शेर भी वह मकबूल हुए हैं जिनमें बात तुम्हारी है

डील जरा क्या दी उसने हम प्यासों पर,हमने ढेरे डाल लिए तालाबों पर
नाज़ ना होगा फिर तुझको शहजादों पर शहजादी बस एक नजर हम प्यादों पर
तुझको छूकर और किसी की चाह रखें हैरत है और लानत ऐसे हाथों पर
तेरी निगाहें नाज़ से छूटे हुए दरख्त मर जाए क्या करें बता सूखे हुए दरख्त
हैरत है पेड़ नीम के देने लगे हैं आम है पगला गए हैं आपके चुम्मे हुए दरख्त
आधा मोमिन आधा काफिर छोड़ दिया,एक देवी ने दिल का मंदिर छोड़ दिया
प्यार मेरी कमजोरी थी और उसने मुझे जी भरकर कमजोर फिर छोड़ दिया
यह प्यार तेरी भूल है कबूल है,मैं संग हूं तू फूल है कबूल है
दगा भी दूंगा प्यार में कभी-कभी किए मेरा उसूल है कबूल है
तू रुठी भी तो मैं मनाऊंगा नहीं जो रूल वह रूल है कबूल है
यही है ग़र तेरी रज़ा तो बोल फिर कबूल है कबूल है कबूल है

चंद सितारे फूल परिंदे शाम सवेरा एक तरफ
सारी दुनिया उसका चरबा उसका चेहरा एक तरफ
वो लड़कर भी सो जाए तो उसका माथा चूमू मैं
उसे मोहब्बत एक तरफ है उससे झगड़ा एक तरफ
जिस शह पर वो उंगली रख दे उसको वह दिलवानी है
उसकी खुशियां सबसे अव्वल सस्ता महंगा एक तरफ
जख्मों पर मरहम लगवाओ लेकिन उसके हाथों से
चारासाजी एक तरफ है उसका छूना एक तरफ
उसने सारी दुनिया मांगी,मैंने उसको मांगा है
उसके सपने है एक तरफ मेरा सपना एक तरफ


रब्त है मुझसे तेरा तो रब्त उनमान बोल
या मुझे अंजान कह दे या फिर अपनी जान बोल
मैं अंगूठी बेचकर ले आया तेरी बालिया
सूने सूने देखा कब तक मैं तेरे कान बोल
यह मुलायम हाथ मेरे काम कब आएंगे जान
कब बिछेगा इनसे मेरे घर का दस्तरखान बोल
कब मिलेगी सुबह तुझे चाय की प्याली मुझे
कब तेरे हाथों का खाऊंगा कोई पकवान बोल
कब तेरे वालिद मेरे वालिद से मिलने आएंगे
कब तेरी अम्मी को बोलूंगा मैं अम्मी जान बोल
पूछते हैं सब तेरा में कौन हूं क्या नाम है
बोलने का वक्त है या बोल मेरी जान बोल

झीले क्या है ? उसकी आंखे,उम्दा क्या है?उसका चेहरा
खुशबू क्या है?उसकी सांसे,खुशियां क्या है? उसका होना
तो ग़म क्या है ? उससे जुदाई,सावन क्या है?उसका रोना
सर्दी क्या है?उउसकी उदासी, गर्मी क्या है? उसका गुस्सा
और बाहरें? उसका हंसना,मीठा क्या है? उसकी बातें
कड़वा क्या है?मेरी बातें ,क्या पढ़ना है उसका लिक्खा
क्या सुनना है?उसकी गजले,लव की ख्वाहिश उसका माथा
जख्म ख्वाहिश ?उसका छूना,दिल की ख्वाहिश उसको पाना
दुनिया क्या है? इक जंगल है और तुम क्या हो? पेड़ समझ लो
और वो क्या है एक राही है ,क्या सोचा है उससे मोहब्बत
क्या करते हो?उससे मोहब्बत ,इसके अलावा? मतलब पेशा?
उससे मोहब्बत उससे मोहब्बत उससे मोहब्बत उससे मोहब्बत

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