Poetry Details:-
Tu Ek Baar Ladka Ban Kar To Dekh-तू एक बार लड़का बन के तो देख-ये एक नये विषय पर सुंदर कविता को लिखा एवं प्रस्तुत Rachana Rajasthani ने किया है।
लाड़ प्यार से ज्यादा,जिम्मेदारियो का पाठ पढाया जाता है
कितनी मुश्किल से कमाते है पैसा,बचपन से यही सिखाया जाता है
“तू लड़का है” तू किसी भी हाल में रो सकता नही
दिल टूटे या खिलौना तू पलके भिगो सकता नही
तुझे हर घाव,हर जख्म को छुपाना पड़ेगा
कुछ भी हो दुनिया के सामने मुस्कुराना पड़ेगा
तू अपने ही आँसुओ का स्वाद चख के तो देख
तू एक बार लड़का बन के तो देख
जिस पल जवानी की दहलीज पर तू पहला कदम बढायेगा
अपने खर्चे खुद उठाने का ,तुझे फरमान सुनाया जायेगा
तू चाहे डाक्टर बन,इंजिनियर बन या कोई व्यापार कर
बस २५ तक आते आते अपने करियर को साकार कर
फिर शादी करनी है,बच्चे करने है,घर परिवार चलाना है
कब तक लडकपन करता रहेगा?
ये गर्लफ्रेंड,बाँयफ्रेंड के चक्करो से बाहर भी तो आना है
बीबी जाँब करेगी या हाउस बाइफ बनेगी?
ये उसका अपना फैसला है,तुझे तो लेकिन हर हाल ने अपना घर चलाना है
तुझे कुछ हो गया तो तेरे परिवार का क्या होगा?
तू हर वक्त अपनो की चिंता मे मर के तो देख
तू एक बार लड़का बन के तो देख
कभी माँ के तानो से,बीबी का दिल दुखता है
कभी बीबी के करनामो से,माँ का कलेजा फटता है
कभी कभी माँ सही होती है,बीबी नही
पर हमेशा बीबी गलत हो जरूरी तो नही
एक के दिल का नूर है तू ,दूजी की माँग का सिंदूर है तू
कौन समझेगा,किसे बतायेगा ?अरे दिनभर की थकन से खुद कितना चूर है तू
तू चक्की के दो पाटो मे,गेहूँ सा पिस के तो देख
तू एक बार लड़का बन के तो देख
तुझे अपना अपने परिवार का भविष्य देखना है
बहोत पैसे कमाने है,क्या..कैसे..ये सब तुझे ही सोचना है
तू देख पायेगा माता पिता को इस उम्र मे काम करते हुये
या देख पायेगा तू बीबी बच्चो को अभाव मे पलते हुये
तू दिन रात सुबह शाम जरूरतो की भट्टी मे जलके तो देख
तू एक बार लड़का बन के तो देख
तु मर्द है,रो के दिखा सकता नही ,कितना भी टू्टा हो अंदर से तू आँसू बहा सकता नही
तुझे राम बनके मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाना पडेगा,ना चाहते हुये भी सीता को ठुकुराना पडेगा
तुझे क्रष्ण बन प्रेम का राग सुनाना पडेगा
मन मे बसी है राधा तो क्या ?तुझे रुक्मनी संग घर बसाना पडेगा
तू अपनी ही इच्छाओ पे आदर्शो का चोला पहन के तो देख
तू एक बार लड़का बन के तो देख