Poetry Details
Kaun Si Gadi Pe Chadhh Gaye | Rahgir | Jashn-e-Rekhta 2022-इस उत्तम गीत को लिखा एवं प्रस्तुत किया है,Rahgir जी ने |
अभी पथजड़ नहीं आया, अभी से पत्ते झड़ गए x2
भाई राहगीर ये हम कौनसी गाड़ी पे चढ़ गए x2
अभी है बाप जिंदा, बेटे बटवारे को लड़ गए x2
भाई राहगीर ये हम कौनसी गाड़ी पे चढ़ गए x2
के तुमको अभी भी लगता है कि फ़र्क न आया ज़मीनो में x2
अरे अब तो सांप भी रहने लगे हैं आस्तिनो में
और गए वो दौर जब पड़ोसी आपस में लड़ कर आपस मैं सुलझा लेते थे x2
भाई अब तो मुकद्दमे जाते हैं अमरिका चीनो में
वो रोटी कपड़ा और मकान बंदे के भीतर लड़ते हैं
के कौन जरूरी है सबसे ज्यादा हम तीनो में
और गए होंगे कभी गाने किसी इंसान के दिल तक
मैं रहगीर अब तो नाकाबंदी है जोरो के सीनो में
रहके भुखा लडके अरे लेखक बन गया वो
झुकने को कहा दुनिया ने, लेकिन तन गया वो
सबने कहा लिख शहद मगर, उसने तेजाब लिखी x2
और बाते भी दो चार नहीं, एक पूरी किताब लिखी
एक पूरी किताब लिखी
थेले पे समोसे के उसके, फिर पन्ने फड़ गए
भाई राहगीर ये हम कौनसी गाड़ी पे चढ़ गए x2
किसी कचरे से बीज लिया, किसी नाली से पानी
फिर उनसे खेल खेल कर काटी उमर जवानी
जब बाग लगा तो नजरे टिक गई दुनिया वालों की
और उसने वापस मुह पर मारी दौलत सालो की
अरे दौलत सालो की,
उसके मरते ही बेटे बिक गए बाग उजड़ गए
भाई राहगीर ये हम कौनसी गाड़ी पे चढ़ गए x2
के शाम होने लगी थी दोहर ढल रही थी x2
में नदी किनारे था और दुनिया जल रही थी
नीचे ज़मीन पर एक नन्ही सी कली पल रही थी x2
और उसके ठीक नीचे किसी की हड्डिया गल रही थी
मेले में जो थी सबसे बढ़िया ख़रीद कर, बड़े चाव से लाइ थी एक अंगिया खरीद कर x2
उसको पहन गली में एक चक्कर लगाने गई
नई अंगिया में क्या लगती थी सबको दिखाने गई
सबको दिखाने गई
वापस आने से पहले ही टांके उधड़ गए
भाई राहगीर ये हम कौनसी गाड़ी पे चढ़ गए x2
एक सयाने ने कहा, तूफान आएगा x2
सब कुछ उडा ले जाएगा, घमासान आएगा
पर वहा पे जो सारे एक से एक सयाने थे
और सबके अलग ही राग थे अलग ही गाने थे,
अलग ही गाने थे
तूफ़ान आने से पहले, आपस में लड़ गए
भाई राहगीर ये हम कौनसी गाड़ी पे चढ़ गए x2
अभी है बाप जिंदा, बेटे बटवारे को लड़ गए x2
भाई राहगीर ये हम कौनसी गाड़ी पे चढ़ गए x2