Kamzor Dil Wale Mohabbat Na Karein -कमजोर दिल वाले,मोहब्बत ना करे- Ankur Lodhi

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Kamzor Dil Wale Mohabbat Na Karein -कमजोर दिल वाले,मोहब्बत ना करेकविता को Ankur Lodhi द्वारा लिखा ओर प्रस्तुत किया गया है,इस्के अलावा कई ओर छोटी कविताए भी कही गयी है,ये विडिओ Wordsutra यु टयुब चैनल पर प्रदर्शित किया गया है।

मंदिर तो छोडो,पत्थर में भी रब दिखता है
झूठ मत बोलो ,आँखो मे सब दिखता है
तुम तो मेरी नफरत ही देखो बस
मेरा प्यार तुम्हे कब दिखता है
हम से दूर रेहकर बेबफाई नही करना
हमे दूर से भी गजब दिखता है

ये हालात खुदा ने दिये है,इसलिये दुआ नही चाहता
दर्द तेरा दिया हुआ है,इसलिये दवा नही चाहता
ये अदालत तेरी है,चाहे जो इल्जाम रख दे
मै अपनी सफाई मे,कोई गवाह नही चाहता

आशियाना था पर बसेरे मे रहा,मै दिया हो कर भी अंधेरे मे रहा
इश्क समतल भी मै कर सकता था,मै जान बूझकर गेहरे में रहा
हर दुख का रस्ता रोक रखा था,मै खुशी बन कर तेरे चेहरे में रहा

बिना चाबी के ताला खोल दे हम वो है
पढाई में कमजोर तो क्या हम पब जी मे प्रो है

मै सख्त हु तो पिघलता क्यो नही
तू वक्त है तो,बदलता क्यो नही
मौत से भला कौन बच पाया है
तू बच गया है तो संभलता क्यो नही

संभाल कर रखना पडता है खो जाती है
रात होने से पेहले सो जाती है
हर रोज खुद से वही झगडा,मोहब्बत नही करुंगा
सामने से गुजरती है तो ,हो जाती है
हर नजारा देखने की उम्मीद आ जाती है
हमे सफर के दौरान नींद आ जाती है
हम तुझे याद करके उठते ही है के
नजर के सामने तेरी तस्वीर आ जाती है

वक्त बेवक्त ये जमाना बदल जाता है
दर्द जब होता है,जब कोई पुराना बदल जा्ता है
ये आशिको का शेहर है मेरे यार
यहा रातो रात ठिकाना बदल जाता है

अंधेरो मे गुम जाता है ,काला है क्या
दिल बंद है उसका ,ताला है क्या
इतना बिजी तो मैने किसी को नही देखा
ये पब-जी वाला है क्या

इन आँखो पे कितने रुमाल रहे है,हम इल्जाम सारा वक्त पे डाल रहे है
तु नमक कम होने पर सुना दे्ता है उसको,हमारे तो खाने में बाल रहे है
तुझे संभाल पाना इन हाथो मे कहाँ था,हम तेरी यादे संभाल रहे है

इश्क में तेरे हम मर जाये,घर तक तेरे ये खबर जाये
तुझे आईने की क्या जरूरत,आईना तुझे देखे तो संवर जाये
दिल चीज क्या है तेरे इश्क में,पत्थर भी तुझे छुए तो बिखर जाये

तजुर्बे से केहता हु,कमबख्त ना करे
कमजोर दिल वाले,मोहब्बत ना करे
इश्क मे क्या सही है,ओर क्या है गलत
इसका फैसला,अदालत ना करे

कभी मिलते है वो,तो सवाल पुछते है
जिन्होने बिगाडा हमारा,वही हाल पुछते है
कान के कितने भी हो,कच्चे मगर
वो बाते बिल्कुल कमाल पुछते है

खुश बहुत थी वो,पर वजह नही बताई
मिलने का तय किया उसने पर ,जगह नही बताई
बिछडने के सौ फायदे,बता दिये उसने
कितनी खुदगर्ज थी,उसने सजा नही बताई

पंगे मै लेता हुँ,वो बबाल लेते है
कुछ भी हो मेरे साथ,वो संभाल लेते है
रास्ता मुश्किल है,पर वो साथ चल रहे है
धुप मे मै दौड रहा हु,ओर पांव उनके जल रहे है

खुद आवारा है, लडकी खानदानी चाहिए
मुह से आग उगलते है ,और पानी चाहिए
रूह बुढी हो जाये हमे उससे क्या
हमे इश्क मे जवानी चाहिये

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