Hum Ko Kis Ke Ghum Ne Mara-हमको किसके ग़म ने मारा- Mansoor Anwar – Manjari –इस गज़ल को लिखा है Mansoor Anwar ने और इसे स्वर वद्ध Manjari जी किया है। इस प्रस्तुति मे कुछ ही शेर पेश किये गये है,बाकि पूरी गज़ल को आपके लिये दिया गया है।
दिल की चोटो ने कभी चैन से रहने ना दिया
जब चली सर्द हवा मैने तुझे याद किया
इसका रोना नही क्युं तुमने किया दिल बर्बाद
इसका ग़म है के बहुत देर मे बर्बाद किया
हमको किसके ग़म ने मारा ये कहानी फिर सही
किसने तोड़ा दिल हमारा ये कहानी फिर सही
दिल के लुटने का सबब पूछो न सबके सामने
नाम आयेगा तुम्हारा ये कहानी फिर सही
हमको किसके ग़म ने ….
नफ़रतों के तीर खा कर दोस्तों के शहर में
हमने किस किस को पुकारा ये कहानी फिर सही
हमको किसके ग़म ने ….
क्या बताएं प्यार की बाज़ी वफ़ा की राह में
कौन जीता कौन हारा ये कहानी फिर सही
हमको किसके ग़म ने ….
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