Fehmi Badayuni | Etah Mushaira 16th October 2021 | Mushaira Live-इस पोस्ट में कुछ कविताये और गज़ल पेश की गयी है वो Fehmi Badayuni के द्वारा लिखी और प्रस्तुत की गयी है ।
तुमने नाराज होना छोड़ दिया
इतनी नाराजगी भी ठीक नही
जिसको हर वक्त देखता हूँ मै
उसको बस एक बार देखा है
अब तो मै जो भी काम करता हुँ
वो तेरा इंतजार होता है
कोई नुकसान ही ना तो फिर
इश्क करने का फायदा क्या है?
पूछ लेते वो बस मिजाज मेरा
कितना आसान था इलाज मेरा
मै तो दीवाना हुँ खुदा जाने
कौन करता है काम काज मेरा
हम तेरे गम के पास बैठे थे
दूसरे गम उदास बैठे थे
बस वो ही इम्तहां मे पास हुये
जो तेरे आस पास बैठे थे
रात भी जब तुम्हारा फोन आया
तुम हमारे ही पास बैठे थे
ये जो आँखो मे मेरे पानी है
तेरी आँखो की मेहरबानी है
सबसे मुश्किल तो वो कहानी है
जो किसी को नही सुनानी है
इसलिये आ गया हुँ कोने में
आँखे शामिल नही थी रोने में
मैने उसको बचा लिया वरना
डूब जाता मुझे डुबोने में
सिर्फ अपना समझ रही थी मुझे
जिंदगी क्या समझ रही थी मुझे?
पूरी तैयारियो से आयी थी
मौत जिंदा समझ रही थी मुझे
पर्स करने लगी तलाश मेरा
नर्स मुर्दा समझ रही थी मुझे
समंदर उल्टा सीधा बोलता है
सलीके से तो प्यासा बोलता है
यहाँ तो उसका पैसा बोलता है
वहाँ देखेगे वो क्या बोलता है
वो रह जाता है महफिल मे अकेला
जो महफिल मे अकेला बोलता है
निगाहें करती रह जाती है हिज्जे
वो जब चेहरे से इमला बोलता है
ये महफिल खत्म हो जाये तो देखू
बिना माइक के वो क्या बोलता है
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