EK LADKE KE DIL MEIN KITNA DARD REHTA HAI- इक लड़के के दिल मे कितना दर्द रहता है-इस पोस्ट में कविता पेश की गयी है जोकि AARAV SINGH के द्वारा लिखे एवं प्रस्तुत की गयी है,इस कविता मे लड़को की मनःस्थिती का चित्रण किया गया है।
अपनी पैदाइश से ही जो अपने परिवार की आशाओ का बोझ ढोता है
तुम क्या जानो इक लड़के के दिल मे कितना दर्द रहता है
बचपन से ही सिखाया जाता है कि तुम लड़के हो
और एक लड़का कभी नही रोता है
लग भी जाये कभी चोट तो भी वो किसी से नही कहता है
और जो बहादुरी का भार रखा जाता है उसके ऊपर
अपने आँसुओ को उसके पीछे छुपाकर वो जिंदगी भर जीता है
और तुम क्या जानो इक लड़के के दिल मे कितना दर्द रहता है
वो बेरोजगारी की शर्मिंदगी,वो बहन की शादी का कर्ज
जिसे चाहा था सच्चे दिल से जब वो लड़की उसका साथ छोड़कर
दूर चले जाती है,खतम कर ले खुद की जिंदगी
ये इच्छा उस लड़के के मन मे भी आती है
पर फिर उसकी माँ का चेहरा उसकी आँखो के आगे आने लगता है
मर जायगी तेरी माँ ये सोचकर उसका दिल जोर से धड़कता है
और फिर वो उसी टूटे हुये दिल के साथ जिंदगी भर जीता है
तुम क्या जानो इक लड़के के दिल मे कितना दर्द रहता है
जिंदगी कभी खुद की नही जिया बस ओरो के लिये
कभी माँ बाप,कभी बीबी,कभी बच्चो के लिये अपने हर पल दिये
कभी माँगा नही बदले मे कुछ भी बिना शर्त ही सबकुछ सहता रहा
और तुम क्या जानो इक लड़के के दिल मे कितना दर्द रहता है
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