Chal Aaj Tujhko Azaad Karte hai-चल आज तुझको आजाद करते है-Shivani Parashar

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Chal Aaj Tujhko Azaad Karte hai-चल आज तुझको आजाद करते हैइस कविता को लिखा एवं प्रस्तुत Shivani Parashar ने किया है।

जो मेरी हँसी मेरे आँसू तुझ पर वार रखे है
जिनकी तुझे खबर तक नही
ऐसे इल्जाम जो लगाये तुझपे उनको बेबुनियाद करते है
चल आज तुझको आजाद करते है,
नही बतायेगे तुझको कितना प्यार करते है
एक छोटा सा सफर तुझे मिलकर खोने तक का
झूठ नही बोलूंगी,वो सफर दुनिया था मेरी
मेरी वो दुनिया तुझ तक थी,
उसे भुलाकर एक नया आगाज़ करते है
चल आज तुझको आजाद करते है,
चल नही बतायेगे तुझको कितना प्यार करते है
और तरस मत खाना मेरी सूरत देख कर
बतलाना मुझको वही जो सच है
तेरे दिल मे मेरे लिये इश्क नही
हाँ,मुश्किल होगा मेरे लिये
चल आज इस मुश्किल से डटकर लड़ते है
चल आज तुझको आजाद करते है,
चल नही बतायेगे तुझको कितना प्यार करते है
आज एक गुजारिश है मेरी तुझ से
कि फिर मुड़ कर ना देखना मुझको
तुझे मालूम नही तेरी नज़र मुझ पर क्या सितम ढाती है
कही फिर ना जाऊ तेरे पीछे
इसलिये आज आखिरी बात करते है
चल आज तुझको आजाद करते है,
चल नही बतायेगे तुझको कितना प्यार करते है
इस हद तक तुझसे मोहब्बत की
कि अब इश्क के नाम से भी डरते है
खुदा बचाये इस मर्ज से
तुझे पाने की मन्नत छोड़ कर
अब ऐसी फरियाद करते है
चल आज तुझको आजाद करते है,
चल नही बतायेगे तुझको कितना प्यार करते है
मैने तुझसे सच्चा प्यार किया
इस फरेब की दुनिया मे रब से बढ कर तेरा नाम लिया
अब बदले मे मिली अंधेरी रोशनी मे जलते है
कहते है ना लोग ठोकर खाकर ही संभलते है
ऐसे बहलाकर खुदको तेरी आज चाहत पूरी करते है
चल आज तुझको आजाद करते है,
चल अब कभी नही बतायेगे तुझको कितना प्यार करते है

खुश नसीब है वो जिनके प्यार की कदर होती है,वरना
आज भी कई लोग तन्हाईयो में खुद से खुद का ही जिक्र किया करते है

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