Bata Kya Kia Tune Mere Liye-बता क्या किया तूने मेरे लिये – Abrar Kashif

Poetry Details:

Bata Kya Kia Tune Mere Liye-बता क्या किया तूने मेरे लिये – Abrar Kashif –इस पोस्ट मे कुछ गजले और शायरिया प्रस्तुत की गयी है जो कि Abrar Kashif के द्वारा लिखी और प्रस्तुत की गयी है।

मेरा अरमां मेरी ख्वाहिश नही है
ये दुनिया मेरी फरमाइश नही है
मै तेरे ख्वाब वापस कर रहा हुँ
मेरी आँखो मे गुंजाइश नही है

 

दिल को तेरी ख्वाहिश पहली बार हुई
इस सेहरां में बारिश पहली बार हुई
मांगने वाले हीरे मोती मांगते है
अश्को की फरमाइश पहली बार हुई
डूबने वाले एक एक करके आ जाये
दरिया मे गुंजाइश पहली बार हुई

 

मेरे रब की मुझ पर इनायत हुई
कहू भी तो कैसे इबादत हुई
हकीकत हुई जैसे मुझ पर अयांन
कलम बन गया है खुदा की जुबान
मुखातिब है बंदे से परवरदीगार
तू हुस्न-ए-चमन तू ही रंग-ए-बहार
तू मिराज-ए-फन तू ही फन का सिंगार
मुस्सवीर हूँ मै तू मेरा शाहकार
ये सुबहे ये शामे ये दिन और रात
ये रंगीन दिलकश हसींन कायनात
के हूरों मलाइक ओ जिन्नात में
किया है तुझे अशरफुल मख्लुकात
मेरी अज़्मतो का हवाला है तू
तू ही रोशनी है उजाला है तू
फरिशतो से सजदा भी करवा दिया
के तेरे लिये मैने क्या ना किया
ये दुनिया जहां बज़्म आरायियां
ये महफिल ये मेले ये तन्हाईयां
फलक का तुझे शामियाना दिया
जमीन पर तुझे आबो-दाना दिया
मिले आबशरो से भी हौंसले
पहाड़ो में तुझे को दिये रास्ते
ये पानी हवा और शम्स ओ कमर
ये मौज ए रवां ये किनारा भंवर
ये शाखो पे गुंचे चटकते हुये
फलक पे सितारे चमकते हुये
ये सब्ज़े ये फूलो भरी क्यारियां
ये पंछी ये उड़ती हुई तितलियां
ये शोला ये शबनम ये मिट्टी ये संग
ये झरनो के बजते हुये जल तरंग
ये झीलो में हँसते हुये से कमल
ये धरती पे मौसम की लिखी गज़ल
ये सर्दी ये गर्मी ये बारिश ये धूप
ये चेहरा ये कद और ये रंगो रूप
दरिंदो चरिंदो पे काबूं दिया
तुझे भाई दे कर के बाज़ू दिया
बहन दी तुझे और शरीक ए सफर
ये रिशते ये नाते ये घराना ये घर
क्या औलाद भी दी दिये वालिदायेंन
अलिफ लाम मीम काफ़ और आईन गैन
ये अक्ल ओ जहानत शरूर ओ नज़र
ये बस्ती ये सेहरा ये खुश्की ये तर
और उस पर किताबे हिदायत भी दी
नबी भी उतारे शरियत भी दी
गर्ज के सभी कुछ है तेरे लिये
बता क्या किया तूने मेरे लिये

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