Apne Sab Yaar Kaam Kar Rahe Hain-अपने सब यार काम कर रहे हैं-JOHN ELIA

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Apne Sab Yaar Kaam Kar Rahe Hain-अपने सब यार काम कर रहे हैं- इस पोस्ट में JOHN ELIA जी के द्वारा लिखी गयी ,गज़ल पेश की गयी है ,जो कि JOHN ELIA जी के द्वारा प्रस्तुत की गयी है।

अपने सब यार काम कर रहे हैं

और हम हैं कि नाम कर रहे हैं

तेग़-बाज़ी का शौक़ अपनी जगह

आप तो क़त्ल-ए-आम कर रहे हैं

दाद-ओ-तहसीन का ये शोर है क्यूँ

हम तो ख़ुद से कलाम कर रहे हैं

हम हैं मसरूफ़-ए-इंतिज़ाम मगर

जाने क्या इंतिज़ाम कर रहे हैं

है वो बेचारगी का हाल कि हम

हर किसी को सलाम कर रहे हैं

हम तो आए थे अर्ज़-ए-मतलब को

और वो एहतिराम कर रहे हैं

न उठे आह का धुआँ भी कि वो

कू-ए-दिल में ख़िराम कर रहे हैं

उस के होंठो पे रख के होंठ अपने

बात ही हम तमाम कर रहे हैं

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