Ab Gham Nahi Hota Tere Jane Ka-अब गम नही होता तुम्हारे जाने का-Manhar Seth

Poetry Details:-

Ab Gham Nahi Hota Tere Jane Ka-अब गम नही होता तुम्हारे जाने का-ये कविता को Manhar Seth के द्वारा लिखा गया है और प्रस्तुत भी किया गया है ।

अब जो तुम चले गये हो गम नही होता तुम्हारे जाने का
सोचा था तुम्हारे जाने के बाद खुद को संभाल नही पाऊंगा
सोचा था तुम्हारे जाने के बाद मर मै जाऊंगा
तुमने हमे इतनी बेरहमी से जो छोड़ा था
अपने पत्थर जैसे दिल से हमारे शीशे जैसी मोहब्बत को तोड़ा था
सोचा था कि हँसना भूल जाऊंगा,
और नही होगा कोई कारण मुस्कुराने का
पर अब जब तुम चले गये हो
पर अब जो तुम चले गये हो गम नही होता तुम्हारे जाने का
उनकी मजबूरियाँ थी या फिर बेबफाई थी
बस इन्ही सब चीजो का बहाना हो गया
उनसे बात करे उन्हे गले लगाये उन्हे चूमे मानो एक जमाना हो गया
पर उनकी याद अब आती नही है,अब ये किस्सा पुराना हो गया
आज देख जानेमन,तेरा मन्हर किसी और के लिये दिवाना हो गया
आशिक से शायर बनाया और दे दिया हुनर महफिलो मे शायरी सुनाने का
अब जो तुम चले गये हो गम नही होता तुम्हारे जाने का
तेरे online आने का इंतजार नही किया करते है
अब i love you तो सिरफ माँ को बोला करते है
अब तुझसे बात करने के लिये पूरे दिन फोन को चार्ज नही करते है
अब अपनी पाँकेट मनी से तेरा मोबाइल नंबर रिचार्ज नही करते है
तुमसे बिछड़ गये हम और मिल गया कारण और लड़कियो को फँसाने का
अब जो तुम चले गये हो गम नही होता तुम्हारे जाने का
फिर तुम्हारे जाने के बाद हम किसी और से मिले
वो मुरझाये हुये फूल फिर से खिले
उसे पहली बार देखा था तो लगा एक सपना सा था
किसी पराये में मानो कोई अपना सा था
क्योकि उस लाल रंग में तुम जैसा कोई और लग नही सकता था
वो झुमका किसी और पे इतना अच्छा सज नही सकता था
वो जुल्फे उसके गालो पर इतना इतरा रही थी
वो इतनी खुबसूरत थी कि खुबसूरती भी उससे शर्मा रही थी
अब मिल गया था एक कारण तुम्हारे उन पुराने खतो को खुशबू समेत जलाने का
अब जो तुम चले गये हो गम नही होता तुम्हारे जाने का
उसे याद होगा वो कहा करती थी ये इश्क मे क्या रखा है
आज देखो ना किसी रांझे ने उसे हीर बना रखा है
क्योकि इस कहानी का आगाज तो होता है,अंजाम नही होता
मेरी इस कहानी मे बस इक उसका और बस इक उसका नाम नही होता
मोहब्बत मे थे तो मोहब्बत निभा लेते थे ,पर हमसे अब मोहब्बत जैसा काम नही होता
आज मै पूरे जमाने को पसंद हुँ और हँस रहा हुँ
अब इस कारण मिल गया होगा उसको कोई कारण उसको आँसू बहाने का
अब जो तुम चले गये हो गम नही होता तुम्हारे जाने का
अब ना तेरे आने की खुशी रही ना तेरे जाने का गम
वो जमाना बीत गया जब तेरे दीवाने थे हम
अब तु मेरी शायरी अपने बच्चो को सुनायेगी और शायरी सुन कर बहुत पछतायेगी
उन्हे ये कहेगी कि अगर मुझसे ना होता ये स्यापा,तो एक शायर होते बच्चो तुम्हारे पापा
पर अब नही है कुछ फायदा तुझे कुछ समझाने का क्योकि अब गम तुझे होगा मेरे जाने का
अब जो तुम चले गये हो गम नही होता तुम्हारे जाने का

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