“Main Tumhe Phir Miloongi” – इस पोस्ट में प्रस्तुत की गयी कविता को Priya Malik के द्वारा लिखा एवं पेश किया गया है,जो कि Amrita Pritam जी की कविता “Main Tenu Fer Milangi” से प्ररित है तथा Amrita Pritam जी को श्रधांजली है। इस कविता पाठ मे म्युजिक Hasan ने दिया है
मै तुम्हे फिर मिलूंगी
कहा?कैसे? किस तरह?
मुझे सब पता है
जरूर तुम्हारी सुबह की पहली चाय में
इलायची बनके महकूंगी
या जैसे पत्ती चाय का रंग स्याह करती है
मै अपने इश्क की इक चम्मच डुबोये
गर्म चाय की प्याली बन
तुम्हारी मखमली जुबान पर लगूंगी
मुझे पता है ठीक कहाँ,कैसे,किस तरह
मै तुम्हे फिर मिलुंगी
या इक पैकेट मै बैठी मिलूंगी
जिसे खोल तुम इक सिगरेट निकाल
अपनी उंगलियो से तराशते हो
मै उस धुंये का इक लंबा सा कश बनकर
तुम्हारे ओठो से मिलूंगी
तुम्हारी साँसो से कुछ देर बात कर
सुकून की एक गहरी आह बनके
तुम्हारी छाती में रहुंगी
मुझे पता है ठीक कहाँ,कैसे,किस तरह
मै तुम्हे फिर मिलुंगी
मै और कुछ नही जानती
बस इतना जानती हुँ
के वक्त से जूझ कर
नसीब को चीर कर
रेखाओ को तोड़ कर तुम्हे आना पड़ेगा
और अगले हर जन्म मे मेरा साथ निभाना पड़ेगा
मै भी जुझूगी,चीरूगी,तोड़ुगी
वक्त,नसीब,रेखायें
और तुम्हे फिर मिलुंगी
मै तुम्हे फिर मिलुंगी
Copyright@Lyricsdeal.com