US NE POCHHA BHI NAHI MAIN NE BATAYA BHI NAHI -KALEEM AJIZ

Poetry Details:-

US NE POCHHA BHI NAHI MAIN NE BATAYA BHI NAHI –इस पोस्ट में कुछ शायरियाँ पेश की गयी है जो कि KALEEM AJIZ जी के द्वारा लिखी एवं प्रस्तुत की गयी है।

मत बुरा उसको कहो,गर के वो अच्छा भी नही
वो ना होता तो गज़ल मै कभी कहता भी नही
जानता था कि सितमगर है ,मगर क्या कीजिए
दिल लगाने के लिए और कोई था भी नहीं।
जैसा बेदर्द है वो,फिर भी है जैसा महबूब
ऐसा कोई ना हुआ,और कोई होगा भी नही
वही होगा जो हुआ है ,जो हुआ करता है
मैने इस प्यार का अंजाम तो सोचा भी नही
हाय ! क्या दिल है के लेने के लिये जाता है
उससे पैमाने वफा जिस पे भरोसा भी नही
बारहा गुफ्तगू होती रही,लेकिन मेरा नाम
उसने पूछा भी नही,मैने बताया भी नही
तोहफा जख्मो का मुझे भेज दिया करता है
मुझसे नाराज है लेकिन मुझे भूला भी नही
दोस्ती उससे निभा जाये बहुत मुश्किल है
मेरा तो वादा है उसका तो इरादा भी नही
मेरे अशार वो सुन सुन के मजे लेता रहा
मै उसी से हुँ मु्खातिब वो ये समझा भी नही
मेरे वो दोस्त मुझे दाद-ए-सुखन क्या देंगे
जिनके दिल का कोई हिस्सा जरा टूटा भी नही
मुझको बनना पड़ा शायर के मै अपना गम-ए-दिल
जप्त भी कर ना सका फूट के रोया भी नही
शायरी जैसी हो आज इसकी भली हो के बुरी
आदमी अच्छा है,पर बहुत अच्छा भी नहीं।


इस नाज इस अंदाज से तुम हाय चलो हो
रोज एक ग़जल हम से कहलवाये चलो हो
रखना है कहीं पाँव,तो रक्खो हो कही पाँव
चलना जरा आया है तो इतराये चलो हो
मय में कोई खामी है ना सागर मे कोई खोट
पीना नही आया है,तो छलकाये चलो हो
जुल्फो की तो आदत ही है,लेकिन मेरे प्यारे
जुल्फो से ज्यादा तुम ही बलखाये चलो हो
हम कुछ नहीं कहते है, कोई कुछ नहीं कहता
तुम क्या हो, तुम्हीं सबसे कहलवाए चले हो।
वो शोख सितमगर तो सितम ढाये चले है
तुम हो कि कलीम अपनी ग़जल गाये चलो हो

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