हमेशा देर कर देता हूँ मैं- Hamesha Der Kar Deta Hun Main-MUNEER NIYAZI

Poetry Detail

हमेशा देर कर देता हूँ मैं. Hamesha Der Kar Deta Hun Main-इस पोस्ट में MUNEER NIYAZI की लिखी गयी कुछर शायरियाँ पेश की गयी है,जोकि MUNEER NIYAZI के द्वारा प्रस्तुत की गयी है।

ख्याल जिसका था मुझे,ख्याल मे मिला मुझे
सवाल का जबाब भी ,सवाल में मिला मुझे
किसी को अपने अमल का हिसाब क्या देते
सवाल सारे गलत थे,जवाव क्या देते?


हमेशा देर कर देता हु मै,जरुरी बात कहनी हो,कोई वादा निभाना हो
उसे आवाज़ देनी हो,उसे वापस बुलाना हो,हमेशा देर कर देता हुँ मै
मदद करनी हो उसकी,यार की ढांढस बधाना हो,बहोत देरी ना रस्तो पर
किसी से मिलने जाना हो,हमेशा देर कर देता हुँ मै
बदलते मौसमो की सैर में,दिल को लगाना हो
किसी को याद रखना हो,किसी को भूल जाना हो
हमेशा देर कर देता हुँ मै
किसी को मौत से पहले,किसी ग़म से बचाना हो
हकीकत और थी कुछ,उसको जाकें ये बताना हो
हमेशा देर कर देता हुँ मै

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